सुशील मोदी यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं है, इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। मोदी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा की।
दोबारा सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने लगातार भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कह रही है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर नरेंद्र मोदी की सरकार को तब बड़ा झटका लगा जब देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गयी। यह पिछले छह साल से अधिक अवधि का न्यूनतम स्तर है। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2019 में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही थी। सरकार लगातार इसका बचाव कर रही है और कारण वैश्विक मंदी को भी बता रही है पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी रविवार को आर्थिक हालात को 'बेहद चिंताजनक' बताते हुए कहा कि यह नरमी मोदी सरकार के तमाम कुप्रबंधनों का परिणाम है। कांग्रेस के प्रवक्ता से लेकर नेता तक इसे लेकर हर रोज सरकार पर निशाना साधते हैं।